सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित अंबेडकर डेबिट वाउचर योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि अब 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर थी। यह निर्णय छात्रों को आवेदन के लिए अधिक समय प्रदान करने और योजना का अधिकतम लाभ उठाने हेतु लिया गया है।
संयुक्त निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, एलडी पवार ने बताया कि यह योजना उन छात्रों के लिए चलाई जा रही है जो स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में नियमित रूप से अध्ययनरत हैं और अपने घर से दूर किराए पर रह रहे हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को पढ़ाई के दौरान आवश्यक सुविधाओं का खर्च उठाने में सहायता प्रदान करना है।
Ambedkar DBT Voucher Yojana Online Form
योजना के तहत पात्र छात्रों को आवास, भोजन, बिजली-पानी आदि आवश्यक सुविधाओं के लिए 2,000 रुपये प्रति माह की सहायता दी जाएगी। यह सहायता अधिकतम 10 महीने तक दी जा सकती है। यह आर्थिक मदद छात्रों को उनकी पढ़ाई के दौरान आने वाले खर्चों को पूरा करने में सहयोग करती है।
पात्रता और आय सीमा
योजना का लाभ मुख्य रूप से अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को मिलेगा। आवेदन के लिए माता-पिता की वार्षिक आय की सीमा इस प्रकार है:
- एससी और एसटी वर्ग: अधिकतम 2.50 लाख रुपये।
- ओबीसी वर्ग: अधिकतम 1.50 लाख रुपये।
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग: अधिकतम 1 लाख रुपये।
आवेदन प्रक्रिया और दिशा-निर्देश
इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से पूरी की जा सकती है। आवेदन के समय छात्रों को अपने आवासीय और शैक्षणिक दस्तावेजों को अपलोड करना अनिवार्य है।
छात्रों के लिए विशेष अवसर
योजना का उद्देश्य विशेष रूप से उन छात्रों की मदद करना है जो सीमित संसाधनों के बावजूद उच्च शिक्षा प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। इस पहल से छात्रों को न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी बल्कि उन्हें अपने सपनों को साकार करने में भी मदद मिलेगी।
अंतिम तिथि बढ़ने से अब अधिक से अधिक छात्र इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। विभाग ने समय पर आवेदन करने का अनुरोध किया है ताकि छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।