आ रही खबरों के मुताबिक, राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act,NFSA) के तहत फ्री राशन का लाभ उठा रहे परिवारों की जांच करने का फैसला लिया है।
इस जांच के माध्यम से मुफ्त अनाज ले रहे लोगों की सही जानकारी का पता चलेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, फ्री राशन पाने वाले सूची में कई सारे नाम ऐसे भी शामिल हैं जो अपात्र हैं लेकिन गलत तरह से फर्जी वाले दस्तावेजों की मदद से वे इस योजना के तहत फ्री राशन का लाभ उठा रहे हैं।
इस मामले पर गौर करते हुए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रमुख सचिव भास्कर ए. सावंत ने आईटी और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को पत्र लिखकर इस बात की सूचना दी है।
1 करोड़ परिवारों की होगी जांच
विभाग द्वारा प्राप्त पत्र के बाद राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों की जांच करने का निर्णय लिया है। NFSA में इस प्रावधान का उल्लेख है कि कोई भी आयकर दाता फ्री अनाज का लाभ नहीं ले सकता।
राजस्थान में NFSA की सूची में राज्य के करीब 1 करोड़ से अधिक परिवार शामिल है जिन्हें हर महीने कोटे वाले राशन की दुकानों से फ्री अनाज उपलब्ध कराए जाते हैं ऐसे में विभाग द्वारा सभी आयकर दाताओं की सूची तैयार करने का आदेश दिया गया है और इस सूची में चयनित परिवारों के सभी सदस्यों के आधार नंबर लिंक है और इसी आधार नंबर से सभी की जांच की जाएगी।
ये लोग सूची से होंगे बाहर और होगी कार्रवाई
एनएफएसए के तहत फ्री राशन का लाभ उठा रहे परिवारों का अगर कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में है या आयकर दाता है तो उन्हें लाभार्थी सूची से बेदखल कर दिया जाएगा।
इसके अलावा अगर परिवार का कोई भी सदस्य ₹10000 प्रति माह से ज्यादा कमाता है तो वह भी लाभार्थी सूची से बाहर कर दिए जाएंगे और अन्य प्रकार से भी अपात्र पाए जाने वाले लोगों को भी इस लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा। विभाग ऐसे अपात्रों से जमाने के तौर पर वसूली भी कर सकता है।
वहीं जिनके पक्के मकान और चार पहिया वाहन है उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिलने वाला। वैसे तो विभाग ने कई बार पहले खुद ही अपात्रों से नाम हटवाने की अपील की है लेकिन अब विभाग द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।