महिला कल्याण योगदान को बढ़ाते हुए राजस्थान सरकार ने लाडो प्रोत्साहन योजना 2024 की शुरुआत की है। बेटियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए इस योजना का लाभ विशेष तौर पर राज्य की अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति(ST), आर्थिक रूप से कमजोर(EWS) श्रेणी के सभी परिवारों की बेटियों को दिया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत बेटियों को विभिन्न चरणों में 1 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह आर्थिक सहायता बिटिया के बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए दी जाएगी जिससे की बेटियां शिक्षित होकर अपने पैरों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर बन सकें और अपने जीवन स्तर सुधारने में सक्षम हो सकें।
लाडो प्रोत्साहन योजना
राजस्थान सरकार द्वारा बेटियों के हित में शुरू की गई लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत बालिका के जन्म से लेकर उसके स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने और 21 वर्ष की आयु पूरी करने तक पूरे सात चरणों में सरकार की ओर से ₹100000 की वित्तीय सहायता दी जाएगी, संपूर्ण भुगतान 7 किस्तों में डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा।
राजकीय विद्यालय के अलावा निजी विद्यालयों में अध्ययन करने वाली बालिकाओं को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। बता दें, यह योजना महिला अधिकारिता विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा शिक्षा विभाग के समन्वय से लागू की जाएगी और इसके लिए किसी भी प्रकार के आवेदन का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना के क्रियान्वयन से बालिकाओं के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच एवं बालिका का बेहतर समग्र विकास सुनिश्चित होगा। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से बालिकाओं के पालन-पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा के मामले में समाज में हो रहे लिंग भेदभाव पर भी रोक लगेगी और बालिका शिशु मृत्यु दर में गिरावट आएगी।
योजना के तहत दी जाने वाली राशि
लाडो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत शामिल चिकित्सा संस्थानों में बालिका का जन्म होने पर उसके माता-पिता को ₹2500 और बालिका की आयु 1 वर्ष पूरी होने पर एवं समस्त टीकाकरण कराने पर ₹2500 दिए जाएंगे।
इसके बाद जब बालिका किसी राजकीय विद्यालय या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी निजी विद्यालय में प्रथम कक्षा में प्रवेश लेती है तो उसे ₹4000 दिए जाएंगे।
अगली किश्त बालिका के कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर ₹5000 एवं कक्षा 10वीं में प्रवेश पर ₹11000 तथा 12वीं कक्षा में प्रवेश पर ₹25000 दिए जाएंगे।
बालिका को आख़िरी किश्त सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने एवं 21 वर्ष की उम्र पूरी करने पर ₹50000 की राशि वित्तीय सहायता के तौर पर दी जाएगी।