राजस्थान सरकार ने पशुपालकों के हित में ‘मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना 2024-25’ की शुरुआत की है। प्रदेश के जन आधार कार्डधारी पशुपालक इस योजना में आवेदन करने के पात्र होंगे। 13 दिसंबर 2024 से योजना की आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और 12 जनवरी 2025 तारीख तक आवेदन लिए जाएंगे।
Mukhyamantri Mangala Pashu Bima Yojana Details
राजस्थान सरकार की ओर से वर्ष 2024-25 के बजट पेशकश के दौरान मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की घोषणा की गई थी और वर्तमान में योजना को प्रदेशभर में लागू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को उनके पशुओं के मृत्यु के पश्चात भरपाई हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
इस योजना के माध्यम से पहले चरण में 5-5 लाख दुधारू गाय/भैंसों, 5-5 लाख भेड़/बकरियों और 1 लाख उष्ट्र वंशीय पशुओं का बीमा किये जाने का निर्णय लिया गया है। इच्छुक एवं पात्र पशुपालक बीमा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर योजना में आवेदन कर सकते हैं।
ऐसे मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत पशुओं का बीमा 1 वर्ष के लिए किया जाएगा। इसके लिए पशुपालकों को किसी प्रकार का प्रीमियम नहीं भरना पड़ेगा यानी एक प्रकार से यह निःशुल्क बीमा योजना है। बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र और दूध उत्पादन की क्षमता के आधार पर किया जाएगा लेकिन किसी भी स्थिति में बीमा की अधिकतम राशि 40000 रुपए से अधिक नहीं होगी। यदि बीमित पशुओं की किसी भी प्राकृतिक या आकाश में दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है तो पशुपालकों को बीमा क्लेम दिया जाएगा।
बीमित पशु की मृत्यु के पश्चात बीमा प्रतिनिधि की ओर से सर्वे कार्य तथा पशु चिकित्सक की ओर से मृत पशु का पोस्टमार्टम परीक्षण करके पूरी प्रक्रिया को निर्धारित पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा और फिर बीमा विभाग की ओर से 21 कार्य दिवस के भीतर पशु की दवा राशि का भुगतान संबंधित पशुपालक को कर दिया जाएगा।
पशुओं की आयु सीमा
योजना के तहत पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित आयु क्रमशः गाय की 3 वर्ष से 12 वर्ष, भैंस की 4 वर्ष से 12 वर्ष, बकरी/भेड़ की 1 से 6 वर्ष और ऊंट की उम्र 2 से 15 वर्ष होने चाहिए।
कैसे करें आवेदन ?
राजस्थान के सभी जनाधार कार्ड धारक पशुपालक इस योजना में आवेदन कर सकते हैं। पात्र उम्मीदवार पशुपालक को बीमा विभाग के ऑफिशियल वेबसाइट या सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन मोड में आवेदन करना होगा। बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग जरूरी है। इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए क्रमशः 16 और 12 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।